नई दिल्ली : फीस बढ़ोतरी के खिलाफ चल रहे आंदोलन पर बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट कर विरोध जताया है. सुशील मोदी ने कहा है कि फीस बढ़तोरी इतना बड़ा मुद्दा नहीं है, बल्कि कैम्पस में बीफ पार्टी करने वाले शहरी नक्सली गरीब छात्रों को गुमराह करके अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकना चाहते हैं.
उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा है, “जेएनयू में फीस वृद्धि कोई इतना बड़ा मुद्दा नहीं कि इसके लिए संसद मार्च निकाला जाए. हकीकत यह है कि जो शहरी नक्सली इस कैम्पस में बीफ पार्टी, पब्लिक किसिंग, महिषासुर महिमामंडन, स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा का मानभंजन और देश के टुकड़े-टुकड़े करने के नारे लगाने जैसी गतिविधियों में लगे हुए हैं वो अब गरीब छात्रों को गुमराह कर राजनीतिक रोटी सेंकना चाहते हैं.”
सुशील मोदी के ट्वीट के बाद लल्लनटॉप के संपादक सौरभ द्ववेदी ने सुशील मोदी को JNU की चिंता छोड़ कर पटना यूनिवर्सिटी पर धयान देने की नसीहत कर डाली। इसके बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के सलाहकार संजय यादव ने भी बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि यह लोग स्वयं अपनी उपस्थिति संस्थाओं के निर्माताओं में नहीं बल्कि विध्वंसकारियों में अंकित करवाना चाहते है। वहीं उन्होंने संघ स्कूल के सभी उत्पाद को पढ़ाई नहीं बल्कि लड़ाई का मास्टर बता दिया।
विगत 15 साल से उपमुख्यमंत्री की कुर्सी पर क़ाबिज़ मोदी जी सारा दोष उससे 15 वर्ष पूर्व की सरकार को देते है। ये स्वयं इतिहास में अपनी उपस्थिति Institutions के निर्माताओं में नहीं बल्कि विध्वंसकारियों में अंकित करवाना चाहते है। संघी स्कूल के सभी उत्पाद पढ़ाई नहीं लड़ाई के मास्टर है। https://t.co/86Ppmp5OD0
— Sanjay Yadav (@sanjuydv) November 20, 2019
संजय यादव ने ट्वीट करते हुए लिखा ” विगत 15 साल से उपमुख्यमंत्री की कुर्सी पर क़ाबिज़ मोदी जी सारा दोष उससे 15 वर्ष पूर्व की सरकार को देते है। ये स्वयं इतिहास में अपनी उपस्थिति Institutions के निर्माताओं में नहीं बल्कि विध्वंसकारियों में अंकित करवाना चाहते है। संघी स्कूल के सभी उत्पाद पढ़ाई नहीं लड़ाई के मास्टर है।”