नई दिल्ली : गरीबी से जंग जीतकर क्रिकेटर बने हैदराबाद के एक ऑटो चालक के बेटे मोहम्मद सिराज अब देश के लिये खेल अपने मां बाप और शहर नाम रोशन कर चुके हैं,मोहम्मद सिराज अपने माँ बाप के साथ उमराह के लिये रवाना हुए हैं।
रमजान उल मुबारक के मुक़द्दस महीने में रहमतों और बरकतों की बारिश होती है,ऐसे में मक्का और मदीने की पावन पवित्र मुक़द्दस धरती पर इबादत करना और वक़्त गुज़ारना हर किसी के दिल की तमन्ना होती है,इसी लिये भारतीय क्रिकेटर अपने माँ बाप को लेकर इस पवित्र यात्रा के लिये आज रवाना हुए हैं।
रमजान उल मुबारक के मुक़द्दस महीने में रहमतों और बरकतों की बारिश होती है,ऐसे में मक्का और मदीने की पावन पवित्र मुक़द्दस धरती पर इबादत करना और वक़्त गुज़ारना हर किसी के दिल की तमन्ना होती है,इसी लिये भारतीय क्रिकेटर अपने माँ बाप को लेकर इस पवित्र यात्रा के लिये आज रवाना हुए हैं।
सिराज को गेंद की तेजी से प्यार था. वे टेनिस बॉल क्रिकेट खेलते थे और उनकी गेंदों की तेजी से विपक्षी बल्लेबाज सहमे रहते थे. बंजारा हिल्स इलाके में सिराज खासे लोकप्रिय थे, लेकिन अब तक उन्होंने क्रिकेट बॉल से गेंदबाजी नहीं की थी. इसकी शुरुआत 2015 में हुई जब एक दोस्त ने सिराज को यह सलाह दी. क्लब क्रिकेट के शुरुआती मैचों में ही उन्होंने विकेटों की झड़ी लगा दी. यहीं से सिराज के करियर का नया अध्याय शुरू हुआ जो जूनियर क्रिकेट से होते हुए अब टीम इंडिया तक पहुंचा है।
उन्हें पहले हैदराबाद के अंडर 23 टीम में जगह मिली और इसके ठीक बाद रणजी टीम में. हालांकि, 2015-16 में उन्हें हैदराबाद के लिए एक ही रणजी मैच खेलने का मौका मिला, लेकिन अगले सीजन में 41 विकेट लेकर उन्होंने अपनी टीम को क्वार्टर फाइनल में पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई. इसके बूते उन्हें ईरानी ट्रॉफी के लिए शेष भारत की टीम में शामिल किया गया. फिर आईपीएल की नीलामी में सनराइजर्स हैदराबाद की टीम ने उन्हें 2.6 करोड़ रुपए में खरीदा था उसके बाद मोहम्मद सिराज को आरसीबी ने खरीदा लिया था।