लेखक : ज़ाहिद यूसुफ़ज़ई
गल्फ़ देशों में सबसे बेहतर क़्वालिटी का बीफ़ इंडियन बीफ़ होता है और इसकी क़ीमत भी दूसरे देशों से आए हुए गऊ मांस की तुलना में अधिक होती है । ब्रांडेड हाइपर सुपर मार्केट हों या फिर छोटी मोटी गली मुहल्ले की दुकानें हर जगह पारदर्शी शीशे वाले फ्रीजर्स में रखा हुआ इंडियन बीफ़ देखा जा सकता है ।
अब सवाल ये है कि आख़िर बीफ़ का निर्यात भारत सरकार कैसे कर सकती है , कैसे कर सकती है देश के करोड़ों लोगों के आस्थाओं के साथ खिलवाड़?
हमे इस बात से बिल्कुल भी हैरानी नही होती अगर सेंट्रल में कांग्रेस होती , प्रधानमंत्री कोई हिन्दू नही बल्कि कोई सिख या मुसलमान होता ।
ये तो देश का सौभाग्य है के देश को सच्चा हिन्दू हृदय सम्राट मिला है , जिसने अपने जीवन का मक़सद हिंदुत्व की सेवा बना लिया है । न उसे धन चाहिए न तन , उस साधु समान व्यक्ति ने तो इस डर से शादी तक नही की के कहीं परिवार के मोह माया में उनका ध्यान हिंदुत्व के दशा और दिशा को सुधारने में अटकले न पैदा कर दे ।
चलिए अब ये देखते हैं कि क्या ये वाक़ई सच है के देश को सच्चा हिन्दू सेवक मिला है तो सुनिए ऐसा बिल्कुल नही है , ये देश के भोले भाले हिदुओं के साथ धोखा हुआ है । उनकी आस्था और भावनाओं का क़त्ल है ।
टनों टन बीफ़ का निर्यातक वही भारत जहां महज़ प्लेट या फ्रीज़ में बीफ़ होने की अफवाह से बहुसंख्यको द्वारा लाचार और बेचारे मुसलमान की जान ले जाती है , पूरी की पूरी बस्ती जला दी जाती है , गाय को दूध के लिए भी पालने तक की इजाज़त नही दी जाती , और तो और यही गाय माता चुनावों में केंद्र से लेकर राज्य तक सरकारें बनाती हैं ।
जी हाँ देश की सियासी गलियारों में बैठे सफेद कमीज़ वालों की निगरानी में हज़्ज़ारों फ़र्ज़ी गऊ रक्षकों की सेना देश मे एक ख़ास समुदाय के लिए मौत बन कर मंडरा रही है ,हर रोज़ सैकड़ों गौशालाओं का शिलान्यास हो रहा है और वाह वाहियां भी ख़ूब हो रही हैं ।
भारत के मुसलमानों ने डर से कहें या फिर अपने हिंदू भाइयों के सम्मान में बीफ़ खाना तक़रीबन बंद कर दिया है । मगर सवाल अब भी खड़े हैं के क्या हिंदुस्तान के हिंदुओं की भावनाएं आहत सिर्फ़ भारत में मुसलमानों के बीफ़ खाने से होती है या फ़िर वो मांस दुनिया के किसी भी कोने में खाए या बेचे जाने से भी होती है ? गाय सिर्फ़ भारत मे ही माता हैं या फ़िर 7 संमदर पार जाकर भी वो माता ही रहती हैं और उनसे हमारे हिन्दू भाइयों की आस्था,प्रेंम उतनी ही बनी रहती है ?
मेरे हिंदू भाइयों आप समझिए सरकार के दोहरे चरित्र को , और सवाल पूछिए उनसे के आख़िर सरकार बीफ़ निर्यात बंद क्यूँ नही करती , क्या है मजबूरियाँ उनकी या फिर ये विपक्ष की कोई चाल है ???
दोस्तों दरअसल ये ढोंगी और हिंदुत्व के फर्ज़ी ठेकेदार हैं । ये आपके जज़्बात से खेलते हैं , आपको हिन्दू मुस्लिम के नाम पर लड़वाते हैं । आपको दिमाग़ी तौर पर बिमार करना चाहते हैं ये , ये लोग चाहते हैं कि आप इनसे सवाल न पूछें , इनके वादे और इरादे याद न दिलाएं ।
यक़ीन जानिए की इनको ये डर है के कहीं आप उनसे रोज़गार न मांगने लगे , उनसे सस्ती दवाईयां और राशन की पेशकश न करने लगें , गिरते रुपैया और पेट्रोल डीजल के बढ़ते दामों का बेवड़ा न मांगने लगें ।
और आपका इनसब बातों की ओर ध्यान तभी जाएगा जब आपका दिमाग़ नफ़रतों और ज़हर वाले कीटाणुओं से मुक्त होगा ।
हिंदुस्तान का एक ज़िम्मेदार नागरिक होने के नाते मेरा ये फ़र्ज़ था कि मैं आपको ये बीफ़ निर्यात वाली बात बताता और आप भी गूगल कीजिए और देखिए कि भारत दुनिया के किन किन देशों में और कितना बीफ निर्यात करता है ।
और हाँ अपने MLA, MLC और MP साहब से मेरा वाला सवाल ज़रूर पूछियेगा ।
नोट : ऊपर लिखे गए लेख,दिए गए आंकड़े औऱ तथ्य लेखक के हैं।