नई दिल्ली, ख़बर Adda :- उत्तरप्रदेश के आगरा में दसवीं की छात्रा संजली को राह चलते जिंदा जला दिया जाता है। जहाँ दो बाइक सवारों ने स्कूल से वापस आ रही छात्रा को बिना किसी झिझक के पेट्रोल डाल जला दिया। घटना के कुछ देर बाद ही संजली कि मौत हो जाती है।
संजली अशरफी देवी चिददा सिंह इंटर कॉलेज में दसवीं की पढ़ाई कर रही थी। उसके घर से यह स्कूल 9 किलोमीटर दूर है और वह इस दूरी को साइकिल से पूरा करती थी।
18 दिसंबर को जब वह स्कूल से घर आ रही थी तब दो बाइक सवार ने इस घटना को अंजाम दिया था। उसका शरीर 80 प्रतिशत जल गया था। उसे हॉस्पिटल ले जाया गया मगर अगले ही दिन दिल्ली के सफ़दरजंग अस्पताल में उसकी मौत हो गई। मरने से पहले वह अपने परिजनों के पूछने पर सिर्फ इतना ही बता पाई थी कि लाल रंग की मोटर साईकल थी और दो लोग हेलमेट पहने हुए थे जिसकी वजह से मैं उन लोगों को पहचान नही पाई।
उसकी माँ अनिता का कहना है कि जिस तरह से उन दरिंदो ने मेरी बेटी को ज़िंदा जलाया उसी तरह से दोनों दरिंदो को भी जिंदा जलाया जाय।
जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्रों ने संजली के इंसाफ के लिए शांतिपूर्ण कैंडल मार्च निकाला जिसकी अगुआई जुबेर चौधरी कर रहे थे। वे जामिया के छात्रों से बढ़-चढ़कर प्रदर्शन में हिस्सा लेने की भी गुहार की और लोगों को अपनी कर्तव्यों के प्रति ज़िम्मेदारी लेने की भी सलाह दी। उन्होंने गांवों में रह रहे मज़दूरों, किसानों और दबे-कुचलों की आवाज़ बनने को भी ज़रूरी बताया। उन्होंने कहा कि जिस तरह के हालात देश में अभी है वो 4 साल पहले ऐसा नही था। आज हर दिन हिंसा और मौत की खबरे आती रहती है। लोगों का ध्यान असल मुद्दों से भटकाया जा रहा है। देश के किसानों की आर्थिक हलात ठीक नही है, नौजवानों को रोज़गार मुहैया नही करवाया जा रहा है, अल्पसंख्यक समानता के अधिकार से वंचित हैं। देश के उच्च संस्थानों पर हमले हो रहें है- चाहे वो सर्वोच्च अदालत हो, सीबीआई हो या रिज़र्व बैंक।
ये वही उत्तर प्रदेश है जहां कुछ दिन पहले बुलंदशहर में एक इंस्पेक्टर, सुबोध कुमार, को जान से मार दिया जाता है। हाल में ही एक एप्पल के एग्जीक्यूटिव को सरेराह मर्डर कर दिया जाता है।
आए दिन अखबारों में और टी.वी पर हिंसा और रेप की वारदात आती रहती है। ऐसे में प्रशासन व्यवस्था पर सवाल उठता है कि राज्य की प्रशासन क्या कर रही है। उन्हें मंदिर-मस्जिद बनवाने के लिए सत्ता में नही लाया गया है। विकास सर्वोपरि है और राज्य में शासन व्यवस्था बना रहे इसके लिए समय-समय पर ज़रूरी कदम भी लेना अनिवार्य है। पर लगता है उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अपने प्रदेश की ज़रा भी चिंता नही है। वे या तो अपने पार्टी के चुनाव प्रचार करने में मशहूल रहते है या मंदिर- मस्जिद की बात करते नज़र आते है। विकास का मुद्दा सिर्फ चुनाव के पहले ही करते हैं फिर विकास को भूल जाते है।
जो भी हो हम संजली के लिए इंसाफ की मांग करते है ताकि जल्द से जल्द उनके दोषियों को सज़ा मिल सके।