सीतामढ़ी :- 18 नवंबर को नीतीश सरकार के अल्पसंख्यक मंत्री खुर्शीद आलम को बिहार के सीतामढ़ी के मेहसौल चौक पर लोगों ने घेर लिया और खुर्शीद आलम वापस जाओ के नारे लगाए। खुर्शीद आलम को घंटों भीड़ ने घेरे रखा और काले झंडे दिखा कर अपना विरोध दर्ज करते रहे। खुर्शीद आलम का घेराव कर लोगों ने अपनी नाराजगी व्यक्त की और काले झंडे दिखाए। इस घटना के बाद बिहार पुलिस ने 12 नामजद लोगों के साथ 30 से 40 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। यह मुकदमा सरकार और राज्य विरोधी नारा लगाना, रोड जामकर, यातायात बाधित करना, सरकारी सुरक्षा में खतरा उत्पन करना जैसे दफाओं में केस दर्ज किया गया है
आपको बता दें की पिछले महीने 20 अक्टूबर को एक भीड़ ने 80 वर्षिय जैनुल अंसारी की हत्या कर जला दिया था। इस घटना के घटित हुए महीनों गुजर गए पर अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है नीतीश सरकार के रवैये से भी लोगों में काफ़ी नाराज़गी है।
ज़ैनुल अंसारी के हत्या से पहले बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी सीतामढ़ी के दौड़े पर थे और करणी सेना ने जम कर उनका विरोध किया था और काले झंडे भी दिखाए थे लेकिन उस घटना का विरोध कर रहे लोगों के खिलाफ कोई भी मुकदमा दर्ज नहीं किया गया था तो फिर खुर्शीद आलम का विरोध करने पर केस क्यों?