ख़बर अड्डा, नई दिल्ली
विशेष व्याख्यान श्रृंखला के तहत , जामिआ हमदर्द में आज ” भारतीय न्यायपालिका : विवादास्पद मुद्दों का मध्यस्त” विषय पर पूर्व मुख्य न्यायाधीश और पंजाब मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष इक़बाल अहमद अंसारी ने दिया। ज्ञात रहे जामिया हमदर्द देश के उत्कृष्ट शिक्षा और शोध के क्षेत्र में मानव संसाधन मंत्रालय द्वारा प्रमाणित संसथान है , जो साहित्य , विज्ञान , संस्कृति , राजनीति एवं अन्य क्षेत्रो के विशिष्ट व्यक्तियो का व्याख्यान आयोजित करता रहा है। आज के समारोह की अध्यक्षता उपकुलपति, श्री प्रोफेसर एहतेशाम हसनैन ने किया। सह उपकुलपति प्रोफ़सर शाहिद अंसारी ने मुख्य अतिथि का स्वागत करते हुए माननीय न्यायाधीश का धन्यवाद किया कि उन्होंने व्यस्ततम समय से कुछ समय जामिया हमदर्द के शिक्षकों छात्रों और शोधार्थिओं के लिए निकाला। पूर्व न्यायाधीश ने जामिया हमदर्द की शैक्षिक और शोध के क्षेत्रों में इस संसथान को शुभकामना देते हुए इसके उज्व्वल भविष्य का आशीष दिया। इस अवसर पर बोलते हुए माननीय न्यायमूर्ति ने कहा ” देश की न्यायपालिका अपने सीमित संसाधनों के बावजूद आम जान के लिए राहत का अंतिम पड़ाव है। देश के संविधान निर्माताओं ने जिस तरह से दुनिया का बेहतरीन संविधान बनाया उसी तरह यहां की न्यायपालिका को न सिर्फ स्वतंत्रता दी बल्कि उसे स्वतंत्रता के साथ बिना शासन ,प्रशासन के दख़ल के काम करने का प्रावधान भी दिया। यही कारण है की अलग अलग धर्मों , संस्कृतिओं भाषाओँ वाले इस देश के नागरिकों को जब कहीं न्याय की आशा नहीं दिखाई देती तो वो कहने को विवश होता है कि अब फैसला अदालत में होगा।
न्यायपालिका ऐसा नहीं रहा इतिहास में कि वो कई बार ऐसे विवादास्पद मुद्दों के मुक़ददमों में दिए गए फैसलों में विवादग्रस्त हुई हो परन्तु विवेक और साक्ष्यों की उपलब्धता और समय काल के प्रभाव में ही संवैधानिक निष्कर्ष और निर्णय दिए जाते हैं जिसे एक पक्ष स्वीकारता है और दूसरा पक्ष असंतुष्ट दिखा है। ऐसे ही विवादास्पद मुद्दों के सुलझाने और जनस्वीकार्य मुद्दों को हल करने में न्यायपालिका ने सदैव एक सफलतम मध्यस्थ की भूमिका निभाई है। श्रोताओं से आवाहन करते हुए विशेषकर युवाओं से , माननीय न्यायमूर्ति ने कहा कि भारत की न्यायप्रणाली उसके लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा और दृढ़ता देने वाला सीमेंट है जिसको संजो के रखने में जन सामान्य को योगदान करना होगा। ध्यान रहे रिटायर्ड जज श्री इक़बाल अहमद अंसारी ने न्यायपालिका की सेवा में 3 दशकों से अधिक समय तक अपने आपको समर्पित किया है और वर्तमान में वो पंजाब के मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष हैं।
मुख्य अतिथि , इस अवसर पर उपस्थित संसथान के अधिकारिओं , विभाग अध्यक्षों , संकायों के डीन और छात्रों का धन्यवाद कुलसचिव सय्यद सऊद अख्तर ने किया। कार्यक्रम का संचालन करते हुए डॉ ज़ीनत इक़बाल ने पूर्व न्यायाधीश के मील के पत्थर साबित हुए फैसलों का ज़िक्र करते हुए उनका अभिवादन किया कि उन्होंने सहज और आसान शब्दों में विधि और न्यायपालिका की कार्यप्रणाली आम जन को क्लिष्ट और आसान शब्दो मे समझाया।